अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
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Women's rights
Grihshobha is the only woman's magazine with a pan-India presence covering all the topics..गृहशोभा(अप्रैल द्वितीय) ( article on women...
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सुन्दर!!!
ReplyDeleteजी, धन्यवाद।
Deleteबहुत खूब 👌👌
ReplyDeleteआभार।
Deleteजय श्री कृष्ण।
ReplyDeleteसुंदर दोहे हैं।
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं आपको।
जय श्री कृष्णा.. धन्यवाद।
Deleteकर्म और मुक्ति पर सुंदर दोहे ।
ReplyDeleteजी,धन्यवाद।
Deleteप्रिय पम्मी जी -- श्री कृष्ण को सही अर्थों में परिभाषित करती सुंदर पंक्तियाँ !!!!!!जय श्री कृष्ण ! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा!आभार।
ReplyDeleteजय श्री कृष्ण..
ReplyDeleteबहुत सुंदर दोहे
ReplyDeleteआभार।
Deleteबहुत ही उम्दा
ReplyDeleteजय श्री गणेश
आभार।
Deleteउम्दा दोहे 👌👌
ReplyDeleteआभार।
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