Mar 26, 2021

जोगीरा...

  

जोगीरा...

पल में तोला पल में माशा,होगें सब फरार,

 चुनावी तपिश में सब नेता, रंगें हुये सियार,

 जोगीरा सारा रा रा रा...

 🔅🔅

 नेताओं के रूप देखकर, बिच्छू भी है दंग,

 मुद्राओं के जुगाड़ नीति से,मचा खूब  हुडदंग।

 जोगीरा सारा रा रा रा।

🔅🔅

असली राजनीति बाकी है, फेको न अब जाल

 बिछाये हुए नये चाल से, अब न होगा बवाल।

 जोगीरा सारा रा रा रा

🔅🔅

लाग लपेट की दुनिया में, हुए सभी मगरूर,

खीच कर पैरों तलें जमीन, बने रहे मशहूर।

जोगीरा सारा रा रा रा

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️


Mar 15, 2021

होली/ माहिया

 








 (इशरार करती माहिया...क्या करूँ होली आ रही है न तो थोड़ी तुनकमिजाजी बनतीं हैं..✍️)



जमाना बहाना है,

भीगी होली में

अब होश उड़ाना है।


रंगों के किस्से हैं,

मुस्कराते गुंचे में 

फसानों के हिस्से हैं।


दीदार कराया करों

 दुपट्टे के ओटों

 छत पर आया करों


छत पर तो आ जाऊँ,

अजब सी चुभन है

दिल में न छुपा पाऊँ।


छलकी अब क्यूँ आँखें,

दिल्लगी थी थोड़ी

वफ़ा जफ़ा निभा लेगें।


छोड़ों जाने भी दो माहिया

रंगरेज बना न करों

हमख्याल बन जाओं माहिया।

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...




अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...