Mar 15, 2021

होली/ माहिया

 








 (इशरार करती माहिया...क्या करूँ होली आ रही है न तो थोड़ी तुनकमिजाजी बनतीं हैं..✍️)



जमाना बहाना है,

भीगी होली में

अब होश उड़ाना है।


रंगों के किस्से हैं,

मुस्कराते गुंचे में 

फसानों के हिस्से हैं।


दीदार कराया करों

 दुपट्टे के ओटों

 छत पर आया करों


छत पर तो आ जाऊँ,

अजब सी चुभन है

दिल में न छुपा पाऊँ।


छलकी अब क्यूँ आँखें,

दिल्लगी थी थोड़ी

वफ़ा जफ़ा निभा लेगें।


छोड़ों जाने भी दो माहिया

रंगरेज बना न करों

हमख्याल बन जाओं माहिया।

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...




23 comments:

  1. बहुत सुंदर, बहुत खूब। वाक़ई बहुत बढ़िया रचना है। आपको बहुत-बहुत बधाईयाँ। ढेरों शुभकामनायें।

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  2. शुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
    सादर।

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  3. छोटी छोटी उक्तियों में होली के रंगों से सराबोर उम्दा कृति ।

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  4. वाह!!!
    शानदार माहिया छन्द
    लाजवाब।

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  5. बहुत दिनों बाद आना हुआ.. बहुत अच्छा लगा।

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  6. छलकी अब क्यूँ आँखें,
    दिल्लगी थी थोड़ी
    वफ़ा जफ़ा निभा लेगें।
    बहुत भावपूर्ण माहिया प्रिय पम्मी जी ,अनुराग रंग में रंगे!!
    आपका blog फॉलो करने के बावजूद रीडिंग लिस्ट में आपकी रचनाएँ दिखाई नहीं देती, इसलिए ब्लॉग पर कम आ पाती हूँ। आज email से फॉलो करके देखती हूँ। हार्दिक शुभकामनाएं उम्दा लेखन के लिए🌹🌹🙏 ❤❤

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    1. शुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
      सादर।
      लगता है कुछ सेटिंग्स की करतूत हैं.. जानकारी सीमित है इसलिए उसे छेड़ती ही नहीं.
      बहुत अच्छा लगा..आपकी प्रतिक्रिया की अलग ही वानगी है।

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  7. वाह
    बहुत सुंदर सृजन

    आग्रह है मेरे ब्लॉग को भी फॉलो करें
    आभार

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    1. शुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
      सादर।
      सर, आग्रह जैसी कोई बात नहीं मैं आपकी रचनाएँ नियमानुसार पढ़तीं हूँ। बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
      धन्यवाद

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  8. बहुत ही सुंदर सृजन।
    सादर

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    1. शुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद।

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  9. बहुत ही सुंदर रचना, बधाई हो

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    1. शुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार।

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  10. होली के रंगों से सजी ताछना मुग्ध करती है - - शुभकामनाओं सह।

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    1. शुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार।

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  11. बहुत सुंदर...शुभकामनाएं

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    1. शुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार।

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  12. उम्दा प्रस्तुति ।

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  13. माहिए मीठे होते हैं ... इतने रंगीले भी हैं ... क्या बात है ... बहुत खूब हैं सब ...

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    1. शुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु साधुवाद।

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