(इशरार करती माहिया...क्या करूँ होली आ रही है न तो थोड़ी तुनकमिजाजी बनतीं हैं..✍️)
जमाना बहाना है,
भीगी होली में
अब होश उड़ाना है।
रंगों के किस्से हैं,
मुस्कराते गुंचे में
फसानों के हिस्से हैं।
दीदार कराया करों
दुपट्टे के ओटों
छत पर आया करों
छत पर तो आ जाऊँ,
अजब सी चुभन है
दिल में न छुपा पाऊँ।
छलकी अब क्यूँ आँखें,
दिल्लगी थी थोड़ी
वफ़ा जफ़ा निभा लेगें।
छोड़ों जाने भी दो माहिया
रंगरेज बना न करों
हमख्याल बन जाओं माहिया।
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...
बहुत सुंदर, बहुत खूब। वाक़ई बहुत बढ़िया रचना है। आपको बहुत-बहुत बधाईयाँ। ढेरों शुभकामनायें।
ReplyDeleteशुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
ReplyDeleteसादर।
छोटी छोटी उक्तियों में होली के रंगों से सराबोर उम्दा कृति ।
ReplyDeleteआभार।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteशानदार माहिया छन्द
लाजवाब।
बहुत दिनों बाद आना हुआ.. बहुत अच्छा लगा।
ReplyDeleteछलकी अब क्यूँ आँखें,
ReplyDeleteदिल्लगी थी थोड़ी
वफ़ा जफ़ा निभा लेगें।
बहुत भावपूर्ण माहिया प्रिय पम्मी जी ,अनुराग रंग में रंगे!!
आपका blog फॉलो करने के बावजूद रीडिंग लिस्ट में आपकी रचनाएँ दिखाई नहीं देती, इसलिए ब्लॉग पर कम आ पाती हूँ। आज email से फॉलो करके देखती हूँ। हार्दिक शुभकामनाएं उम्दा लेखन के लिए🌹🌹🙏 ❤❤
शुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
Deleteसादर।
लगता है कुछ सेटिंग्स की करतूत हैं.. जानकारी सीमित है इसलिए उसे छेड़ती ही नहीं.
बहुत अच्छा लगा..आपकी प्रतिक्रिया की अलग ही वानगी है।
वाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन
आग्रह है मेरे ब्लॉग को भी फॉलो करें
आभार
शुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
Deleteसादर।
सर, आग्रह जैसी कोई बात नहीं मैं आपकी रचनाएँ नियमानुसार पढ़तीं हूँ। बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
धन्यवाद
बहुत ही सुंदर सृजन।
ReplyDeleteसादर
शुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद।
Deleteबहुत ही सुंदर रचना, बधाई हो
ReplyDeleteशुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार।
Deleteहोली के रंगों से सजी ताछना मुग्ध करती है - - शुभकामनाओं सह।
ReplyDeleteशुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार।
Deleteबहुत सुंदर...शुभकामनाएं
ReplyDeleteशुभेच्छा युक्त प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार।
Deleteउम्दा प्रस्तुति ।
ReplyDeleteजी,धन्यवाद।
Deleteमाहिए मीठे होते हैं ... इतने रंगीले भी हैं ... क्या बात है ... बहुत खूब हैं सब ...
ReplyDeleteशुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु साधुवाद।
DeleteThis comment has been removed by the author.
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