May 25, 2017

सुंदर शब्द माँ..









       हृदयविदारक दृश्य

मृत मां जाते जाते भी बच्ची को सीने से चिपका कर रखी .

फलक  पर  लिखा  सुंदर  शब्द  माँ  को  चरितार्थ  करती  ये  तश्वीर 

 निशब्द  कर  देती  है। विधाता   क्या  ऐसा  दिन  भी 


दिखाता  है।  जाते - जाते  भी  बच्चे  की  पेट  भर  गई  और  वो  मासूम  बच्ची..

..
क्या  कहूँ।   विधाता  अगर  दिल  में  नहीं  तो  कहां  है  तू।

May 19, 2017

इन्सान में अख्यात खुदा..




न जाने क्यूँ

हम खुद की ख्यालात लिए फिरते हैं कि

हर इन्सान में अख्यात खुदा बसता है

तो वो जो इन्सान है ,इन्सान में कहाँ रहता है?

जिनकी अलम होती शफ़्फाफ़ की

कश्तियाँ न कदी डगमगाई होगीं,

यहाँ हर शख्स कशिश में भी

सोने को हिरण में ढूंढ रहा

क्या पता जाने कहाँ है ?

वो इन्सान जिसमें खुदा होगा..

शायद..

वो जो खाली मकान है मुझमें,

वहाँ इन्सान में खुदा रहता होगा..

इस लिए 'वो 'सदाकत से गुम है,बुत है

खामोशी से फकत निगाह-बाह करता है..

हम खुद की ख्यालात.......
                                  ©पम्मी सिंह

अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...