हम खुद की ख्यालात लिए फिरते हैं कि
हर इन्सान में अख्यात खुदा बसता है
तो वो जो इन्सान है ,इन्सान में कहाँ रहता है?
जिनकी अलम होती शफ़्फाफ़ की
कश्तियाँ न कदी डगमगाई होगीं,
यहाँ हर शख्स कशिश में भी
सोने को हिरण में ढूंढ रहा
क्या पता जाने कहाँ है ?
वो इन्सान जिसमें खुदा होगा..
शायद..
वो जो खाली मकान है मुझमें,
वहाँ इन्सान में खुदा रहता होगा..
इस लिए 'वो 'सदाकत से गुम है,बुत है
खामोशी से फकत निगाह-बाह करता है..
हम खुद की ख्यालात.......
©पम्मी सिंह
उर्दू की नजाकत, मीठी ज़ुबान और रूहानी फरमान।
ReplyDeleteबहुत उम्दा।
इसी बहाने उर्दू भी सीखने को मिल रही है
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ.
Delete
ReplyDeleteतो वो जो इन्सान है ,इन्सान में कहाँ रहता है?
बहुत वाजिब प्रश्न. विचारणीय.
सुंदर कृति. साधुवाद
Sudhaa1075.blogspot.com
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 23 मई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना को लिंक में शामिल हेतु आभारी हूँ।
Deleteयहाँ हर शख्स कशिश में भी
ReplyDeleteसोने को हिरण में ढूंढ रहा
क्या पता जाने कहाँ है ?
वो इन्सान जिसमें खुदा होगा..
शायद..
आपकी रचना अत्यंत प्रेरणाप्रद है। आभार। "एकलव्य"
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ
Deleteबहुत खूब ... ऐसे खुदा होते हैं ... ढूँढने पड़ते हैं ... मिल भी जाते हैं ...
ReplyDeleteआपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteहर इंसान में अख्यात खुदा बसता है......
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, सार्थक प्रस्तुति....
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteवाह !!बहुत ही उम्दा रचना !! वो जो खाली मकानहै मुझमें ,
ReplyDeleteवहाँ इंसान में ख़ुदा रहता होगा । वाह 👍
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteलाजवाब ! खूबसूरत शब्दों से सजी बेहतरीन रचना । बहुत खूब ।
ReplyDeleteआपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार.
Deleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteआपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार.
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार।
DeleteBhut acche keep posting keep visiting on www.kahanikikitab.com
ReplyDeleteआपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार।
Deleteबेहद उम्दा रचना
ReplyDeleteबधाई
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
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