May 19, 2017

इन्सान में अख्यात खुदा..




न जाने क्यूँ

हम खुद की ख्यालात लिए फिरते हैं कि

हर इन्सान में अख्यात खुदा बसता है

तो वो जो इन्सान है ,इन्सान में कहाँ रहता है?

जिनकी अलम होती शफ़्फाफ़ की

कश्तियाँ न कदी डगमगाई होगीं,

यहाँ हर शख्स कशिश में भी

सोने को हिरण में ढूंढ रहा

क्या पता जाने कहाँ है ?

वो इन्सान जिसमें खुदा होगा..

शायद..

वो जो खाली मकान है मुझमें,

वहाँ इन्सान में खुदा रहता होगा..

इस लिए 'वो 'सदाकत से गुम है,बुत है

खामोशी से फकत निगाह-बाह करता है..

हम खुद की ख्यालात.......
                                  ©पम्मी सिंह

24 comments:

  1. उर्दू की नजाकत, मीठी ज़ुबान और रूहानी फरमान।
    बहुत उम्दा।
    इसी बहाने उर्दू भी सीखने को मिल रही है

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ.

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  2. तो वो जो इन्सान है ,इन्सान में कहाँ रहता है?
    बहुत वाजिब प्रश्न. विचारणीय.
    सुंदर कृति. साधुवाद
    Sudhaa1075.blogspot.com

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 23 मई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना को लिंक में शामिल हेतु आभारी हूँ।

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  4. यहाँ हर शख्स कशिश में भी

    सोने को हिरण में ढूंढ रहा


    क्या पता जाने कहाँ है ?

    वो इन्सान जिसमें खुदा होगा..

    शायद..
    आपकी रचना अत्यंत प्रेरणाप्रद है। आभार। "एकलव्य"

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ

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  5. बहुत खूब ... ऐसे खुदा होते हैं ... ढूँढने पड़ते हैं ... मिल भी जाते हैं ...

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।

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  6. हर इंसान में अख्यात खुदा बसता है......
    बहुत ही सुन्दर, सार्थक प्रस्तुति....

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।

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  7. वाह !!बहुत ही उम्दा रचना !! वो जो खाली मकानहै मुझमें ,
    वहाँ इंसान में ख़ुदा रहता होगा । वाह 👍

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।

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  8. लाजवाब ! खूबसूरत शब्दों से सजी बेहतरीन रचना । बहुत खूब ।

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    1. आपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार.

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    1. आपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार.

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  10. बहुत सुंदर प्रस्तुति।

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    1. आपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार।

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  11. Bhut acche keep posting keep visiting on www.kahanikikitab.com

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    1. आपका सकारात्मक विचार स्वागतयोग्य है. टिप्पणी के लिये आभार।

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  12. बेहद उम्दा रचना
    बधाई

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  13. आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।

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