Sep 3, 2018

जय श्री कृष्णा



।।दोहे।।

कर्तव्य पाठ के ज्ञान में,है प्रभु का नित नाम।
धन्य हुआ गोकुल धाम,आपको नित प्रणाम।।


कुरुक्षेत्र की रणभूमी से, बांचे मोक्ष,मुक्ति ज्ञान।
गीता का सार अनुप ,कर्म ही  सदा प्रधान।।
                 पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍


18 comments:

  1. जय श्री कृष्ण।
    सुंदर दोहे हैं।
    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं आपको।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जय श्री कृष्णा.. धन्यवाद।

      Delete
  2. कर्म और मुक्ति पर सुंदर दोहे ।

    ReplyDelete
  3. प्रिय पम्मी जी -- श्री कृष्ण को सही अर्थों में परिभाषित करती सुंदर पंक्तियाँ !!!!!!जय श्री कृष्ण ! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं |

    ReplyDelete
  4. जय श्री कृष्णा!आभार।

    ReplyDelete
  5. बहुत ख़ूबसूरत... जय श्री कृष्ण

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर दोहे

    ReplyDelete
  7. बहुत ही उम्दा
    जय श्री गणेश

    ReplyDelete

अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...