अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
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Women's rights
Grihshobha is the only woman's magazine with a pan-India presence covering all the topics..गृहशोभा(अप्रैल द्वितीय) ( article on women...
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खूबसूरत सदा-ए-जज़्बात
ReplyDeleteDhanywad, ji ye jajbat hi kavya ka murt rup leti hai..
ReplyDeleteबहुत सुंदर और गहरा अहसास लिए हई रचना। बहुत खूब।
ReplyDeleteबहुत सुंदर और गहरा अहसास लिए हई रचना। बहुत खूब।
ReplyDeleteJi, dhanywad
Deleteशानदार लेखनी !
ReplyDeleteJi, pratikriya hetu abhar..
Deleteवेहतरीन भावों की वेहतरीन अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteवेहतरीन भावों की वेहतरीन अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteJi, pratikriya hetu abhar:)
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (25-11-2019) को "गठबंधन की राजनीति" (चर्चा अंक 3537) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं….
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रवीन्द्र सिंह यादव
सुन्दर प्रस्तुति
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