संपादक श्री योगराज प्रभाकर के संपादन में प्रकाशित 'लघुकथा कलश' जनवरी—जून 2020 प्राप्त हुआ है। यह 'राष्ट्रीय चेतना' महाविशेषांक हे। विशिष्ट लघुकथाकारों की लघुकथाएं हैं, कई आलेख हैं, समीक्षाएं और गतिविधियां हैं तो 224 पृष्ठ के इस ग्रंथ में 111 लघुकथाकारों की अनेक लघुकथाएं हैं।इसमें पंजाब के लघुकथाकारों की कई लघुकथाएं तथा आलेख है। इनमें अपनी भी एक लघुकथा ‘’ रोटी की दरकार है..” सम्मीलित है। संपादकीय मंडल के प्रति आभार व्यक्त करतीं हूँ साथ ही सह-रचनाकारों को बधाइयाँ।💐
सादर,
पम्मी सिंह ‘तृप्ति’..✍