अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
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अनकहे का रिवाज..
जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...
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पापा .. यूँ तो जहां में फ़रिश्तों की फ़ेहरिस्त है बड़ी , आपकी सरपरस्ती में संवर कर ही ख्वाहिशों को जमीं देती रही मग...
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हर तरह से खैरियत है ,होनी भी चाहिए, गर, जेठ की दोपहरी में कुछ खास मिल जायें, तो फिर क्या बात है..!! पर.... कहॉं आसान होता है, शब्दों में ब...
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ख्वाबों की जमीन तलाशती रही अर्श पे दर्ज एहकाम की त लाश में कितनी रातें तमाम हुई इंतजार, इजहार, गुलाब, ख्वाब, वफा, नशा उसे पा...
शहीद जवानों को देश विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित करता है |साथ ही पाक के आतंकियों सहित सहयोगियों को सबक सिखाने की सलाह सरकार से निवेदन निवेदित है
ReplyDeleteजी,सही
Deleteआभार
🇮🇳💐🙏😥
ReplyDelete🙏
Deleteबहुत उम्दा।
ReplyDeleteआभार
Deleteशत् शत् नमन 🙏
ReplyDeleteनमन
Deleteमुनासिब फैंसले की घडी है ...
ReplyDeleteसच में अब तो वक्त ही गया है ... कहीं न कहीं पार होना चाहिए ...
नमन है मेरा सैनिकों को ...
नमन
Deleteबंद करो वाइज़ शोर को.....यही तो मुसीबत हो। कम शब्दों में सारी बात कह दी। आपको बधाई। सैनिकों को नमन। अभिनंदन का वंदन।
ReplyDeleteआभार
ReplyDeleteमुनासिब फैसले की घड़ी हैं।
ReplyDeleteउम्दा सृजन , वीर सैनिकों को नमन
सादर नमन
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