अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
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लेखकीय रूप
अच्छा लगता है जब विशिष्ट समकालीन संदर्भ और तुर्शी के साथ जीवन,समाज के पहलूओं को उजागर करतीं लेख छपती है। इस सफ़र का हिस्सा आप भी बनिए,प...

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तुम चुप थीं उस दिन.. पर वो आँखों में क्या था...? जो तनहा, नहीं सरगोशियाँ थीं, कई मंजरो की, तमाम गुजरे, पलों के...
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कहने को तो ये जीवन कितना सादा है, कितना सहज, कितना खूबसूरत असबाब और हम न जाने किन चीजों में उलझे रहते है. हाल चाल जानने के लिए किसी ने पू...
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क्या से आगे क्या ? क्या से आगे क्या ? आक्षेप, पराक्षेप से भी क्या ? विशाल, व्यापक और विराट है क्या सर्वथा निस्सहाय ...
शहीद जवानों को देश विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित करता है |साथ ही पाक के आतंकियों सहित सहयोगियों को सबक सिखाने की सलाह सरकार से निवेदन निवेदित है
ReplyDeleteजी,सही
Deleteआभार
🇮🇳💐🙏😥
ReplyDelete🙏
Deleteबहुत उम्दा।
ReplyDeleteआभार
Deleteशत् शत् नमन 🙏
ReplyDeleteनमन
Deleteमुनासिब फैंसले की घडी है ...
ReplyDeleteसच में अब तो वक्त ही गया है ... कहीं न कहीं पार होना चाहिए ...
नमन है मेरा सैनिकों को ...
नमन
Deleteबंद करो वाइज़ शोर को.....यही तो मुसीबत हो। कम शब्दों में सारी बात कह दी। आपको बधाई। सैनिकों को नमन। अभिनंदन का वंदन।
ReplyDeleteआभार
ReplyDeleteमुनासिब फैसले की घड़ी हैं।
ReplyDeleteउम्दा सृजन , वीर सैनिकों को नमन
सादर नमन
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