धारा तीन सौ सत्तर हटा, बदल गया इतिहास।
दृढ संकल्प से तम छटा, बना नया इतिहास।।
भारत हुआ एक समान,एक झंडा एक निशान।
एक संविधान के विधान, लिख रहा नव विहान।।
देश का गौरव है यह, गूँज उठा जयगान।
नव पल की नई सुरभी, खिल उठेगा मुस्कान।।
केसर वाली बाग में , हुआ चमन गुलजार।
क्यारी-क्यारी खिल उठा,छाया चमन बहार।।
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍