धारा तीन सौ सत्तर हटा, बदल गया इतिहास।
दृढ संकल्प से तम छटा, बना नया इतिहास।।
भारत हुआ एक समान,एक झंडा एक निशान।
एक संविधान के विधान, लिख रहा नव विहान।।
देश का गौरव है यह, गूँज उठा जयगान।
नव पल की नई सुरभी, खिल उठेगा मुस्कान।।
केसर वाली बाग में , हुआ चमन गुलजार।
क्यारी-क्यारी खिल उठा,छाया चमन बहार।।
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍
देश की मूल भावना को व्यक्त करते लाजवाब दोहे ...
ReplyDeleteअनुपम अभिव्यक्ति ...
जी,धन्यवाद।
ReplyDeleteपम्मी दी, पूरे देशवासियों के मन की भावना को बहुत खूबसूरती से व्यक्त किया हैं आपने।
ReplyDeleteआभार।
ReplyDeleteलाजवाब दोहे ...
ReplyDeleteजी,धन्यवाद।
ReplyDeleteThis is a great postt thanks
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