Mar 6, 2023

रंग बरसे

 


रंग बरसे

रंगों का अब इंतजाम ..बस करों,
होली पे ये इल्जाम ..बस करों

शिकायत अबकी हम से न होगी,
सुर्ख़ आरिज़ के अंजाम..बस करों।

बरजोरी पिया की आज भली लगें,
झूठी शिकायत ओ' शाम..बस करों,

आना जाना,रस्म रिवाज रोज रोज की
रिवायतें औ बहाने सरेआम....बस करों,

मलंग मन,कस्तूरी सांसों मे घुल रही
जाते-जाते आँखों के इशारे
..बस करों।


पम्मी सिंह'तृप्ति'

4 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 24 जून 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. बहुत सुंदर कविता।

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