Jan 6, 2023

है..सरमा पे कुछ दिन की..


अंदाज ए गुफ्तगूं ,अंज क्या बदला
समा,रंग,बहार का,अकदार बदला
है..सरमा पे कुछ दिन की महफिल
लहजा ए जिंदगी का गुलजार बदला।
पम्मी सिंह 'तृप्ति'

(सरमा-सर्दी, जाड़ा
अकदार -मूल्य, मापदंड, अंज-पृथ्वी)

2 comments:

  1. है..सरमा पे कुछ दिन की महफिल
    लहजा ए जिंदगी का गुलजार बदला।
    वाह!!!!

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  2. वाह ... कमाल का मुक्तक ...

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