अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
Apr 6, 2019
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कैसी अहमक़ हूँ
कहने को तो ये जीवन कितना सादा है, कितना सहज, कितना खूबसूरत असबाब और हम न जाने किन चीजों में उलझे रहते है. हाल चाल जानने के लिए किसी ने पू...
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डायरी 20/जून 24 इधर कई दिनों से बहुत गर्मी आज उमस हो रही। कभी कभार बादल पूरे आसमान को ढके हुए। 'सब ठीक है' के भीतर उम्मीद तो जताई...
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पापा .. यूँ तो जहां में फ़रिश्तों की फ़ेहरिस्त है बड़ी , आपकी सरपरस्ती में संवर कर ही ख्वाहिशों को जमीं देती रही मग...
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कहने को तो ये जीवन कितना सादा है, कितना सहज, कितना खूबसूरत असबाब और हम न जाने किन चीजों में उलझे रहते है. हाल चाल जानने के लिए किसी ने पू...
नव वर्ष और माँ के आगमन में सुन्दर छंद ...
ReplyDeleteबधाई नवसंवत्सर की ...
आभार।
Deleteसुन्दर सृजन
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुंदर सृजन
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