इन पलकों पे कई सपने पलते हैं
उफ़क के दरीचों से झाँकती शुआएं
डालती है ख्वाबों में खलल..
जो अस्बाब है
गुजिश्ता लम्हों की,
पर ये सरगोशियाँ कैसी?
असर है
जो एक लम्हें के लिए..
शबनमी याद फिर से मुस्कराता है
पन्ने है जिंदगी के..जिनसे
सूर्ख गुलाबों की खुशबू जाती नहीं,
जिक्र करते हैं ..
इन हवाओं से जब
एक बूंद ख्यालों के
पलकों को नमी कर
फिर खलल डाल जाता है..
पम्मी सिंह✍
उफ़क-क्षितिज,दरीचे-झरोखे,
शुआएं-किरणें,अस्बाब- कारण,वजह,
गुजिश्ता-बिती बात,
बेहतरीन कृति।।।।।।
ReplyDeleteशुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार ..
Deleteजिक्र करते हैं ..
ReplyDeleteइन हवाओं से जब
एक बूंद ख्यालों के
पलकों को नमी कर
फिर खलल डाल जाता है....लाजवाब पम्मीजी! A class apart!!!!
शुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार।
Deleteपन्ने है जिंदगी के..जिनसे
ReplyDeleteसूर्ख गुलाबों की खुशबू जाती नहीं,
जिक्र करते हैं ..
इन हवाओं से जब
एक बूंद ख्यालों के
पलकों को नमी कर
फिर खलल डाल जाता है.
बहुत ही कोमल एहसासात की रचना !!!! बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन प्रिय पम्मी जी --सस्नेह |
शुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार।
Deleteइन हवाओं से जब
ReplyDeleteएक बूंद ख़यालो के
फिर खलल डाल जाता हैं
अतिसुन्दर पम्मी जी
शुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार।
Deleteआसमान के पर काट देने वाली कविता
ReplyDeleteVinay Prajapati's Poems
शुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
Deleteपन्ने है जिंदगी के..जिनसे
ReplyDeleteसूर्ख गुलाबों की खुशबू जाती नहीं,
Bahut khub!!!
शुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
Deleteअति सुंदर....लाजवाब रचना पम्मीजी
ReplyDeleteशुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु आभार।
Deleteवाह!!लाजवाब।
ReplyDeleteशुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteख्वावों में खलल....
बहुत सुन्दर, लाजवाब...
वाह!!!
ReplyDeleteख्वावों में खलल....
बहुत सुन्दर, लाजवाब...
पन्ने है जिंदगी के..जिनसे
ReplyDeleteसूर्ख गुलाबों की खुशबू जाती नहीं
बेहतरीन...,लाजवाब !!
शुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार।
Deleteजी,धन्यवाद।
ReplyDeleteयादों की सरगोशियाँ धीमे धीमे आती हैं पर ख़लल डाल जाती हैं ज़हन में ...
ReplyDeleteऐसे पल जीवन होते हैं ...
वाह ! क्या बात है ! खूबसूरत प्रस्तुति ! लाजवाब आदरणीया ।
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