अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
Jan 31, 2016
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Women's rights
Grihshobha is the only woman's magazine with a pan-India presence covering all the topics..गृहशोभा(अप्रैल द्वितीय) ( article on women...
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फितूर है..ये, कई दफा सोचती हूँ.. बड़ा अच्छा होता जो 'मैं' तुम्हारे किरदार में होती.. मैं तुम होती और मेरी जगह त...
छोटी किंतु दमदार और सार्थक रचना की प्रस्तुति। अच्छे लेखन के लिए शुभकामनाएं।
ReplyDeleteछोटी किंतु दमदार और सार्थक रचना की प्रस्तुति। अच्छे लेखन के लिए शुभकामनाएं।
ReplyDeleteप्रतिक्रिया हेतू आभार, सर धन्यवाद.
ReplyDeleteउम्दा रचना ।
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को यहाँ शामिल किया गया है ।
ब्लॉग"दीप"
यहाँ भी पधारें-
"कवि की दशा (हास्य कविता)"
बहुत बहुत धन्यवाद,सर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति..
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