माहिया
1
ज़ख्मों को निहाँ रखना
फ़ासले दूर कर,
जिस्त से निबाह करना
निहाँ ः छुपाना
2
मिट्टी के किरदार में
मिट्टी के किरदार में
दुनिया तमाम है
खूबसूरत रिश्तों में ..
3.
किसी नादाँ शौक से
उजड़ रही बगिया,
चूप न रहो शौक से ।
चूप न रहो शौक से ।
4.
मुक्कमल हर बात हुई
कदम पड़े छत पे
दिन में मह रात हुई ।
5
अमावस के स्याह में
शाम गुजार रहा
बेखुदी में जल रहा
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍