Sep 7, 2019

माहिया



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माहिया

1

ज़ख्मों को निहाँ रखना

फ़ासले दूर कर,
जिस्त से निबाह करना

निहाँ ः छुपाना
2
मिट्टी के किरदार में
दुनिया तमाम है 
खूबसूरत रिश्तों में ..
3.

किसी नादाँ शौक से
उजड़ रही बगिया,
चूप न रहो शौक से ।


4.
मुक्कमल हर बात हुई 
कदम पड़े छत पे 
दिन में मह रात हुई ।

5
अमावस के स्याह में 
शाम गुजार रहा
बेखुदी में जल रहा

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍

10 comments:

  1. आपके एक ब्लॉग पोस्ट की वीडियो के साथ ब्लॉग चर्चा नरेंद्र मोदी से शिकायत कैसे करे ? और बेस्ट 25 में की गई है

    कृपया एक बार जरूर देखें

    Enoxo multimedia

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  2. बेहतरीन और लाजवाब ।

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  3. जी नमस्ते,


    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (21-10-2019) को (चर्चा अंक- 3495) "आय गयो कम्बखत, नासपीटा, मरभुक्खा, भोजन-भट्ट!" पर भी होगी।
    ---
    रवीन्द्र सिंह यादव

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  4. बेहतरीन प्रस्तुति

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  5. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 30 दिसम्बर 2019 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...