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Dec 20, 2019

सायली





चित्राभिव्यक्ति रचना

सायली छंद

मासूम
निगहबान नजर
बढाती उम्मीदें, ख्वाहिशें
सीचती मेरी
जमीन।
पम्मी सिंह 'तृप्ति'

2.
जख्म
वजह बनी
प्रेरित करती आत्मशक्ति,
सुलझती रही
उलझनें।

अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...