Mar 14, 2024

अनकहे का रिवाज..


 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे 
पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे,

मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर
अनकहे का रिवाज है पर कहे को निभाए जा रहे। 
पम्मी सिंह 'तृप्ति'

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अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...