Batch of 2020- 2021 online batch really deserve it. In a short sentence ," New ways of thinking and to cope with different situation "
पीछे मुड़कर देखतीं हूँ तो कल की ही बात लगती है.. स्कूटी से लाते वक्त पीछे मूँह कर बैठ जाना, कभी हिलडुल करना, हेलमेट न पहनने की जीद्द करना और मेरा सख्ती कर बोलना हमलोग यहीं बैठ जाते हैं, फिर ड्राइविंग सीट पर बैठतें ही अपने से पहले मुझे सीट बेल्ट लगाने के लिए बोलना... लगता है सब बहुत जल्दी बित गया, पर समय की तो अपनी ही चाल है .
इसी बात पर जाते - जाते शगुन के साथ,उसके सभी सहपाठियों के लिये..✍️
हर नई सोच का मज़मून बना लेना
फ़लक को छूकर जमीं से निभा लेना,
गूजरें चौदह साल खूबान -ए -जहाँ में
फ़त्ह के अंदाज में भी आलिमों से दुआ लेना
बनाकर हौसले तुम उँची उड़ानों की
दामन के काँटों को थोड़ा सजा लेना,
ठोकरें भी आती हैं कदमताल से ही
जमाने के निगाह से हौसले बचा लेना,
सुब्ह बिखरी हुई 'शगु','शुभ' के राहों में
'तृप्ति'अपनी गौहरों को सीप में छुपा लेना।
पम्मी सिंह 'तृप्ति'
बहुत - बहुत शुक्रिया।
सादर...✍️
(ख़ूबान ए जहाँ-best of the world,मज़मून- subjectफ़लक-sky, आलिमों- scholarly 'here use for teacher' गौहरों-pearls,)
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteशुभेच्छा संपन्न प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से आभार।
ReplyDeleteठोकरें भी आती हैं कदमताल से ही
ReplyDeleteजमाने के निगाह से हौसले बचा लेना,
वाह बहुत सुंदर !!
सुंदर शब्द रूपी से प्रोत्साहित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।
Deleteसुंदर एहसासों का सृजन,हर पंक्तियां लाजवाब।
ReplyDeleteतहेदिल से शुक्रिया।
Deleteबहुत बढियां
ReplyDeleteजी,धन्यवाद।
Deleteसुब्ह बिखरी हुई 'शगु','शुभ' के राहों में
ReplyDelete'तृप्ति'अपनी गौहरों को सीप में छुपा लेना।
वाह! तृप्ति ने तो अपने गौहरों से महफ़िल को गुलज़ार कर दिया! बहुत उम्दा!!!
बहुमूल्य और सारगर्भित प्रोत्साहित प्रतिक्रिया के लिए आभार।
ReplyDeleteपम्मी जी अच्छा लिख रहीं हैं आप साफ़ लिख रहीं हैं आप उर्दू अलफ़ाज़ का बेहतरीन प्रयोग।
ReplyDeleteजिसके हर लफ्ज़ से खुश्बू आये ,
बोले वो शख्स जिसे उर्दू आये।
veerubhai1947.blogspot.com
बहुत खुशी हो रही है प्रेरणास्पद टिप्पणी देख कर।
ReplyDeleteआभार
बहुत बढ़िया। शुभकामनाएं आपको।
ReplyDeleteBAHUT KHUB. ANEK ANEK SHUBH KAMANAYEN.
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