ख्वाबों की जमीन तलाशती रही
अर्श पे दर्ज एहकाम की तलाश में कितनी रातें तमाम हुई
इंतजार, इजहार, गुलाब, ख्वाब, वफा, नशा
उसे पाने की कोशिशें तमाम हुई सरेआम हुई
कुछ तो रहा गया हममें जो जख्म की बातों पर मुस्कराते है
हर सुब्ह संवरता है मानों खिजां में भी फूलों की ऐहतमाम हुई
जमाने की जद में हम कुछ और बढ गए
अब रक़ीबो को एहतिराम करते कितनी
सुब्हो- शाम हुई
लब सिल लिए अमन की खातिर
ज़रा सी सदाकत पर क्या चली मानो शहर में कोहराम हुई।
© पम्मी सिंह'तृप्ति'.✍
(एहकाम-आदेश, ऐहतमाम- व्यवस्था, अर्श-आसमान, एहतिराम-कृपा:आदर, ख़िजा-पतझड़, रक़ीब-प्रतिद्वंदी)
लब सिल लिए अमन की खातिर
ReplyDeleteज़रा सी सदाकत पर क्या चली मानो शहर में कोहराम हुई।......वाह!!!
कुदरती तौर पर आपकी वज़नदार गज़ले किसी के तारीफों के कसीदे के मुहताज नहीं! उम्दा!!!
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteज़मी क्यों छोडी,
ReplyDeleteपांव के नीचे से अपने
अर्श के एहकाम पे
सदाकत तो साथ थी
फिर डर कैसा अंजाम से।
वाह वाह पम्मी जी बेहतरीन, बेमिसाल।
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर काव्यात्मक टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteवाह !!!बहुत खूबसूरत।मन को छू गई आप की रचना। लाजवाब शब्द चयन।
ReplyDeleteआपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteवाह!!बहुत सुंदर ..।
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया शुभा जी..
Deleteलब सील लिये अम्न की खातिर
ReplyDeleteवाह
गजब
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Deleteकुछ तो रहा गया हममें जो जख्म की बातों पर मुस्कराते है
ReplyDeleteहर सुब्ह संवरता है मानों खिजां में भी फूलों की ऐहतमाम हुई
वाह!!!
लाजवाब गजल.....
आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीया, रचना पर टिप्पणी एवं सराहना हेतु आभारी हूँ।
Delete
ReplyDeleteजमाने की जद में हम कुछ और बढ गए
अब रक़ीबो को एहतिराम करते कितनी
सुब्हो- शाम हुई
बहुत सुंदर पंक्तियाँ !
जी,धन्यवाद..
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया..
ReplyDeleteThank You..
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत ग़ज़ल ।
ReplyDeleteशुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु साधुवाद।
Deleteवाह ...
ReplyDeleteअजब से दौर में ले गयी ये नज़्म ... बेहतरीन ...
वाह ! कमाल का लिखतीं हैं आप ! "लब सिल लिए अमन की खातिर " ! लाजवाब ! बहुत खूब आदरणीया ।
ReplyDeleteशुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु साधुवाद।
Deleteइंतजार, इजहार, गुलाब, ख्वाब, वफा, नशा
ReplyDeleteउसे पाने की कोशिशें तमाम हुई सरेआम हुई........ बहुत खूब
Deleteशुभेच्छा सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु साधुवाद।