नव वर्ष की
नवोत्थित शफ़क़
यूँ ही बनी रहे
नवोत्थित शफ़क़
यूँ ही बनी रहे
हमारे एवानो में
आसाइशे से नज़दीकियों की
सफ़र बहुत छोटी हो
साथ ही उन दहकानों की दरे
भी जगमगाती रहे . .
ख्वाबों में भी
इन अज़ीयते से
दूरियाँ बहुत लम्बी हो
इन्सानियत फ़ना होने से
बचती रहे. .
अहद ये करें कि
फ़साने कम हो
इक ही हक़ीक़त बनी रहे .
ये शफ़क़ घरो में
खिलती रहे..
- ©पम्मी..
शफ़क़ -क्षितिज की लाली (dawn)
नवोत्थित -नया उठा हुआ (new rising day)
एवानो - महल (palace.home)
आसाइशों -सुख समृधि (well being)
दहकानों -किसान (farmer)
आसाइशों -सुख समृधि (well being)
दहकानों -किसान (farmer)
अज़ीयते - दुख दर्द (unhappy,sad)
अहद -प्रतिज्ञा (oath)
(चित्र- गूगूल के सौजन्य से )
(चित्र- गूगूल के सौजन्य से )