अच्छा लगता है जब विशिष्ट समकालीन संदर्भ और तुर्शी के साथ जीवन,समाज के पहलूओं को उजागर करतीं
लेख छपती है। इस सफ़र का हिस्सा आप भी बनिए,पत्रिकाओ को हमसफ़र बनाए व" राजनीति में धर्मकर्म " मोहरा बनती आम आदमी, दिल्ली प्रेस से प्रकाशित सामाजिक ,राजनीतिक पत्रिका " सरिता " जुलाई (द्वितीय) 2025 में पढे
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