Grihshobha is the only woman's magazine with a pan-India presence covering all the topics..गृहशोभा(अप्रैल द्वितीय)
( article on women's rights)
मेरी प्रकाशित रचना पेज न०-68
"आधी आबादी अधिकार बराबरी का "
पम्मी सिंह ‘तृप्ति’...✍
अनभिज्ञ हूँ काल से सम्बन्धित सारर्गभित बातों से , शिराज़ा है अंतस भावों और अहसासों का, कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश....
अच्छा लगता है जब विशिष्ट समकालीन संदर्भ और तुर्शी के साथ जीवन,समाज के पहलूओं को उजागर करतीं लेख छपती है। इस सफ़र का हिस्सा आप भी बनिए,प...
खूबसूरती से पिरोई कहानी
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत बधाई ...
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