Aug 18, 2025

लेखकीय रूप

  अच्छा लगता है जब विशिष्ट समकालीन संदर्भ और तुर्शी के साथ जीवन,समाज के पहलूओं  को उजागर करतीं

लेख छपती है। इस सफ़र का हिस्सा आप भी बनिए,पत्रिकाओ को हमसफ़र बनाए व
" राजनीति में धर्मकर्म " मोहरा बनती आम आदमी, दिल्ली प्रेस से प्रकाशित  सामाजिक ,राजनीतिक पत्रिका " सरिता " जुलाई (द्वितीय) 2025 में पढे





May 1, 2025

Women's rights

 Grihshobha is the only woman's magazine with a pan-India presence covering all the topics..गृहशोभा(अप्रैल द्वितीय) 

( article on women's rights)

मेरी प्रकाशित रचना पेज न०-68

"आधी आबादी अधिकार बराबरी का "

पम्मी सिंह ‘तृप्ति’...✍






Mar 11, 2025

चन्द किताबें तो कहतीं हैं..



दिल्ली प्रेस से प्रकाशित पत्रिका सरिता (फरवरी प्रथम)

में छपी मेरी लेख "सरकार थोप रही मोबाइल "पढें।

सरिता का पहला संस्करण 1945 में प्रकाशित हुआ था।यह पत्रिका सामाजिक,राजनीतिक और पारिवारिक पुनर्निर्माण की विचारधारा पर आधारित है।

(पत्रिका blinkit ,Instamart पर  hai,digital subscription available है।)

https://www.sarita.in/society/smartphones-government-is-imposing-mobiles




लेखकीय रूप

   अच्छा लगता है जब विशिष्ट समकालीन संदर्भ और तुर्शी के साथ जीवन,समाज के पहलूओं  को उजागर करतीं लेख छपती है। इस सफ़र का हिस्सा आप भी बनिए,प...