Jan 22, 2024

आलोकित अयोध्या..

 आलोक हुई अयोध्या, राममय दीपदान से ,

उदात्त हुआ भाव, धर्म कर्म शुद्ध युक्त से।।

तृप्ति



Jan 1, 2024

नया साल..

 


"आदत है वक्त की, चाल और बिसात बदलेगा,

फ़ितरत है मोहरे की, तारीख़ और साल बदलेगा।"



कुछ नयी बात हो,शाद हो पर,पुरानी मुलाकातो की नयी कलेवर संग,"साल- ए -नौ बहार" की हार्दिक शुभता।


पम्मी सिंह 'तृप्ति '..✍️



कैसी अहमक़ हूँ

  कहने को तो ये जीवन कितना सादा है, कितना सहज, कितना खूबसूरत असबाब और हम न जाने किन चीजों में उलझे रहते है. हाल चाल जानने के लिए किसी ने पू...