Apr 23, 2019

विश्व पुस्तक दिवस ..मुक्तक





मुक्तक
१.
किताबों की सोहबत ही अच्छी रही
मोहब्बत की कहानियां इनमें मरी नहीं
छिपायें अदीबों ओ तालीम की गौहर- 
खामोश,पर बहुत कुछ बोलती रही


२.
किताबों की सोहबत में तकदीर संवरती है..
कातिबों के क़सीदे से तहरीर निखरती है
औहाम की तंग गलियों से निकाल-
मुक्कमल किरदार की तश्वीर संवरती है।
                            पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍

(औहाम भ्रान्ति, धोखा, भ्रम)

Apr 6, 2019

सायली नवसंवत्सर






सायली 
१.

नवसंवत्सर
मांगल्य उत्सव,
सात्विकता शक्ति की
उपासना, अंतर्मन
अह्ललादित।


२.

संकल्पों 
का उत्सव
विक्रम संवत, नूतनता
के क्षण
उकेरता।


३.

चन्द्रमासी
चैत से
आर्यवर्त की पुण्य
धरा सजने
लगी।

४.

कलुष
तमस हर,
सिंदूरी भोर लिए
सुखद नवसंवत्सर
आया।



पम्मी सिंह 'तृप्ति..✍

चन्द किताबें तो कहतीं हैं..

दिल्ली प्रेस से प्रकाशित पत्रिका सरिता (फरवरी प्रथम) में छपी मेरी लेख "सरकार थोप रही मोबाइल "पढें। सरिता का पहला संस्करण 1945 में ...