Mar 22, 2016

Noor e rang...

नूर-ए-रंग है फाग की

हमें खिलने के लिए,

चंद रस्म नहीं सिर्फ

निभाने के लिए,

निखर कर निखार दे

पूर्ण चांद निकला है

ये बताने के लिए..
-    ©पम्मी      

              

3 comments:

  1. बहुत सुंदर। आपको रंगोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं। पम्मी जी, आपके कई ब्लाग हैं। आप अपने कमेंट में अलग अलग यूआरएल भर कर कमेंट पोस्ट किया कीजिए। आपके अन्य ब्लाग पर पहुंचने में असानी हो जाएगी।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर। आपको रंगोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं। पम्मी जी, आपके कई ब्लाग हैं। आप अपने कमेंट में अलग अलग यूआरएल भर कर कमेंट पोस्ट किया कीजिए। आपके अन्य ब्लाग पर पहुंचने में असानी हो जाएगी।

    ReplyDelete

अनकहे का रिवाज..

 जिंदगी किताब है सो पढते ही जा रहे  पन्नों के हिसाब में गुना भाग किए जा रहे, मुमकिन नहीं इससे मुड़ना सो दो चार होकर अनकहे का रिवाज है पर कहे...